IQNA खबर के अनुसार, अल-शर्का न्यूज एजेंसी 24 के मुताबिक़; शिक्षण पाठ्यक्रम "कुरान अध्ययन" इस्लामी संस्कृति में रुचि रखने वालों की उपस्थित के साथ कल (12 फरवरी) से शुरू गुरुवार (15 फरवरी) तक जारी रहेगा।
कुरान पर ध्यान देने के तरीके, फ़ज़ीलत की आयतों से आगाही और उनके अर्थों में विचार करना इन चार दिवसीय अवधि के दौरान शारजाह विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र कालेज में धर्मशास्त्र के प्रोफेसर नाऐल ममदुह अबू ज़यद द्वारा सिखाया जाऐगा।
शारजाह के इस्लामिक एसोसिएशन के सचिव माजिद बोस्लिबी ने कहा, इस्लामी स्रोतों पर आधारित इस संस्था ने अपनी वैज्ञानिक विशेषज्ञता जिनमें कुरानिक विज्ञान और इस्लामी परंपरा शामिल है प्रदान की है समुदाय विभिन्न इस्लामी विज्ञान और संस्कृति को जानने के लक्ष्य से पेश करती है।
उन्होंने कहा: अमीरात समुदाय की संस्कृति का निर्माण करने के लिए इस्लामी संस्कृति को प्रेरित करने की कोशिश कर रहा है और शारजाह इस्लामी सोसाइटी इसे लागू करने के लिए जिम्मेदार है, ताकि विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करके समुदाय में इस्लामी संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके।
कुरान के प्रोफेसर अबू ज़ायद ने भी इस प्रशिक्षण की शुरुआत में पवित्र कुरान के महत्व और स्थित पर कानून के विधान के रूप में जोर दिया, जिसमें कहा गया है कि कुरान ऐहकामे इबादी,ऐहकाम तेजारी और नैतिक बयान करने की किताब है और मानव प्रशिक्षण की दिशा में क़दम उठाया है।
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