अंतर्राष्ट्रीय कुरआन समाचार एजेंसी (IQNA) के अनुसार "विशेष रूप से भारत के मोग़लों की अवधि में फारसी भाषा 1707 से 1857 तक भारत में सूफीवाद साहित्य पर" 25 नवंबर को नई दिल्ली के ग़ालिब अकादमी में आयोजित की गई थी।
इस सेमिनार भारतीय फारसी फाउंडेशन ने ग़ालिब अकादमी के सहयोग से आयोजन किया गया था। भारत में ईरान इस्लामी गणराज्य के सांस्कृतिक सलाहकार अली देहकाही, प्रोफेसर चन्द्र शेख़र, प्रोफेसर सिद्दीक़ अल-रहमान और प्रोफेसर आज़रमी दुख्त सफवी ने इस संगोष्ठी में भाग लिया।
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