अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी(IQNA) इनडिपेंडेंत समाचार के अनुसार, मुसलमानों की तरह दिखने वाले अंग्रेजी पुरुषों के साथ साक्षात्कार पर आधारित शोध के परिणामों से पता चलता है, कि इन लोगों को घर पर पशु अपशिष्ट फैंकने और दुकान के कांच तोड़ने या आतंकवादी और दाइश के ख़िताब जैसे इस्लाम विरोधि घटनाओं का सामना करना पड़ता है।
शोधकर्ताओं ने ईसाई, हिंदू सिख और गैर धर्मों के काले और गोरे तथा एशियाई मूल्य के 19 साल की उम्र से 59 तक के बीस अंग्रेजी पुरुषों से साक्षात्कार किया जिसका परिणाम था कि और यूरोपी संघ से ग्रेट ब्रिटेन की वापसी पर जनमत संग्रह व आतंकवादी हमलों के बाद इस्लाम विरोधि घटनाओं में वृद्धि हुई है। अध्ययन के परिणाम को बैठक में कि जागरूकता सप्ताह पर हाउस ऑफ कॉमंस में नफरत के अपराधों के बारे में पेश किया गया, बर्मिंघम विश्वविद्यालय में अपराध पहचानने के प्रोफेसरों इमरान इवान और आइरीन रैंप ने, इंग्लैंड के गैर-मुस्लिम पुरुषों कि मुसलमानों से मिलते हैं इस्लामोफोबिया के अनुभव के बारे में बात की।
इमरान इवान ने कहा कि इस शोध से पता चला है कि नफरत से पैदा अपराधों के अपराधियों ने अपनों ही को पूर्वाग्रहों और भ्रामक रूढ़िताओं के आधार पर लक्षित किया है।
इवान और ज़ांपा ने इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए एक सार्वजनिक नफरत अपराध रिपोर्टिंग अभियान और कार्यशालाओं के निर्माण करने का सुझाव दिया।
इसी तरह उन्होंने एक सोशल मीडिया ऐप की पेशकश भी की जो कि ऑनलाइन अप्रिय अपराधों की रिपोर्ट करने और इन अपराधों को रोकने के लिए परामर्श में इस्तेमाल किया जा सके।